गुरुवार, 15 मार्च 2018

सुंदर से अति सुंदर श्यामा (मधुराष्टक)

(मत्तगयंद सवैया)

सुंदर केशव की छबि सुंदर, सुंदर केश किरीटहि सुंदर
सुंदर कर्णहि कुण्डल सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।
सुंदर मस्तक चंदन सुंदर, सुंदर घ्राण कपोलहि सुंदर ।
सुंदर लोचन भौं अति सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।

सुंदर मोहन का मुख सुंदर, सुंदर ओष्ठ हँसी अति सुंदर
सुंदर भाषण बोलिय सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।
सुंदर गर्दन सुंदर भूषण, सुंदर है पट अम्बर सुंदर ।
सुंदर है उर बाहुहि सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।

सुंदर माधव का पग सुंदर, सुंदर है चलना गति सुंदर ।
सुंदर ठाड़ भये अति सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।
सुंदर है मुरली मुख सुंदर, सुंदर नृत्यहि प्रीतहि सुंदर ।
सुंदर संगत रंगत सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।

सुंदर गोकुल ब्रज सुंदर, सुंदर है यमुना जल सुंदर ।
सुंदर गोप सखा सखि सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।
सुंदर हैं गउवें रज सुंदर, सुंदर पालन धावन सुंदर ।
सुंदर खेलहि मेलहि सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।

सुंदर कृष्णहि सृष्टिहि सुंदर, सुंदर लालन पालन सुंदर ।
सुंदर मारन धावन सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।
सुंदर कृष्ण दयानिधि सुंदर, सुंदर कारज मारग सुंदर ।
सुंदर है चरित्र तन सुंदर, सुंदर से अति सुंदर श्यामा ।।



4 टिप्‍पणियां: